दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में हाल ही में तब बवाल मच गया जब एक वायरल वीडियो में कथित तौर पर कॉलेज परिसर में गोबर से जुड़ी गतिविधि को दिखाया गया। वीडियो के वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और कॉलेज प्रशासन पर सवाल उठने लगे। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने प्रिंसिपल के ऑफिस में घुसकर तोड़फोड़ की। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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दिल्ली कॉलेज में वायरल गोबर वीडियो के बाद बवाल, प्रिंसिपल के कार्यालय में की गई तोड़फोड़
दिल्ली के एक प्रतिष्ठित कॉलेज में अचानक मचे बवाल ने उच्च शिक्षा संस्थानों की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी को लेकर नई बहस छेड़ दी है। मामला तब तूल पकड़ गया जब कॉलेज परिसर में गोबर का उपयोग करते हुए एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। इस वीडियो को लेकर कई संगठनों और छात्र संगठनों ने विरोध दर्ज कराया, और इसके परिणामस्वरूप कॉलेज प्रिंसिपल के ऑफिस में तोड़फोड़ की गई।
क्या है पूरा मामला?
वीडियो में कुछ लोग कॉलेज के प्रांगण में गाय के गोबर से कुछ गतिविधि करते नजर आए, जिसे कथित तौर पर धार्मिक रीति-रिवाज से जोड़ा गया। जैसे ही वीडियो वायरल हुआ, कई सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसे शैक्षणिक वातावरण पर हमला बताते हुए आलोचना की। वहीं कुछ लोगों ने इसे भारतीय संस्कृति की विरासत के रूप में समर्थन भी दिया।
सोशल मीडिया पर भड़की बहस
जैसे ही वीडियो X (पूर्व में Twitter), Facebook और Instagram पर पहुंचा, #CowDungControversy, #DelhiCollegeRow और #PrincipalOfficeAttack जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे। सोशल मीडिया पर दो पक्ष बन गए—एक वर्ग ने इसे ‘ब्राह्मणवादी प्रतीक’ बताया जबकि दूसरे वर्ग ने इसे ‘परंपरा का सम्मान’ कहा।
प्रदर्शन और हमला
वीडियो को लेकर कई छात्र संगठनों और स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कॉलेज गेट के बाहर प्रदर्शन किया। हालात तब बिगड़ गए जब प्रदर्शनकारियों ने जबरन प्रिंसिपल के ऑफिस में घुसकर तोड़फोड़ कर दी। ऑफिस में मौजूद फर्नीचर, दस्तावेज़ और कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाया गया। हालांकि किसी को गंभीर चोट नहीं आई है।
कॉलेज प्रशासन की सफाई
कॉलेज प्रशासन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि यह गतिविधि कॉलेज की अनुमति से नहीं की गई थी और इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। कॉलेज प्रिंसिपल ने घटना की निंदा करते हुए कहा, “शैक्षणिक संस्थानों को विवाद से दूर रखना चाहिए। हम जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करेंगे।”
पुलिस जांच शुरू
मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस ने CCTV फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है और वीडियो वायरल करने वालों की पहचान की जा रही है। अब तक कुछ अज्ञात प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
मामला तूल पकड़ने के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी तेज़ हो गई है। एक ओर छात्र संगठन इस घटना को शिक्षा की आज़ादी पर हमला बता रहे हैं, तो वहीं कुछ धार्मिक संगठन इस गतिविधि को भारतीय संस्कृति से जोड़कर सही ठहरा रहे हैं। विपक्षी दलों ने भी कॉलेज प्रशासन और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं।
शिक्षा जगत में चिंता
यह घटना उच्च शिक्षा के माहौल में बढ़ते राजनीतिक और सांस्कृतिक हस्तक्षेप को लेकर चिंता पैदा कर रही है। कई शिक्षाविदों ने इसे संस्थानों की स्वायत्तता और अकादमिक स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया है। दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसरों ने इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया।
आगे की कार्रवाई
कॉलेज प्रशासन ने कहा है कि घटना की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही छात्रों को आगाह किया गया है कि वे सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने से बचें। भविष्य में ऐसे मामलों से निपटने के लिए आंतरिक अनुशासन समिति बनाने की भी बात कही जा रही है।