बिहार के दरभंगा जिले में वक्फ एक्ट के खिलाफ मुस्लिम समुदाय ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने वक्फ बोर्ड के कानूनों में पारदर्शिता और सुधार की मांग करते हुए ज्ञापन भी सौंपा। बढ़ती असंतुष्टि को देखते हुए यह मुद्दा अब स्थानीय राजनीति में भी गर्माया हुआ है।
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बिहार (Bihar) के दरभंगा (Darbhanga) जिले में शनिवार को मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) द्वारा वक्फ एक्ट (Waqf Act Protest) के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी वक्फ संपत्तियों (Waqf Properties) के प्रबंधन में पारदर्शिता की कमी और सरकार की निष्क्रियता को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे।
दरभंगा के प्रसिद्ध टावर चौक (Tower Chowk) पर एकत्रित होकर सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने वक्फ एक्ट के प्रावधानों में संशोधन (Waqf Act Amendment) की मांग करते हुए नारेबाजी की। उन्होंने आरोप लगाया कि वक्फ संपत्तियों के रखरखाव और उपयोग में भारी अनियमितताएं हो रही हैं और आम मुसलमानों को इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की मौजूदा कार्यशैली मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कई वक्फ संपत्तियां या तो अवैध कब्जे में चली गई हैं या भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। इसी के चलते समुदाय में गहरी नाराजगी पनप रही है।
प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि वक्फ कानून 1995 (Waqf Act 1995) को मौजूदा समय की जरूरतों के हिसाब से बदला जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से वक्फ संपत्तियों की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र एजेंसी बनाने की भी मांग की ताकि पारदर्शिता बनी रहे और समुदाय का विश्वास वापस लौटे।
इस प्रदर्शन में महिलाओं, युवाओं और बुजुर्गों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। सभी ने एक स्वर में कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं सुना जाएगा, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और अंत में प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें वक्फ एक्ट में संशोधन और वक्फ संपत्तियों की सही तरीके से देखरेख की मांग रखी गई।
दरभंगा के सामाजिक कार्यकर्ताओं (Social Activists) और धार्मिक नेताओं (Religious Leaders) ने भी इस आंदोलन को समर्थन दिया। उनका कहना था कि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में होना चाहिए, जिससे पूरे समुदाय को लाभ मिले।
प्रदर्शन के दौरान यह भी मांग उठी कि वक्फ संपत्तियों की सभी डीलिंग को सार्वजनिक किया जाए और हर साल एक स्वतंत्र ऑडिट रिपोर्ट पेश की जाए। लोगों ने कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही के बिना वक्फ बोर्ड में सुधार संभव नहीं है।
स्थानीय पुलिस (Darbhanga Police) और प्रशासन ने प्रदर्शन स्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। पुलिस ने बताया कि प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और कोई भी कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं हुआ।
विशेषज्ञों का मानना है कि वक्फ एक्ट से जुड़ी यह नाराजगी अब केवल दरभंगा तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि बिहार के अन्य जिलों में भी इसका असर देखने को मिल सकता है। आने वाले समय में यह मुद्दा राजनीतिक रूप से भी बड़ी बहस का विषय बन सकता है।
इस प्रदर्शन ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से प्रबंधन क्यों नहीं हो पा रहा है और आम मुस्लिम समुदाय तक इनका लाभ क्यों नहीं पहुंच रहा। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो आने वाले दिनों में पूरे राज्य स्तर पर आंदोलन तेज किया जाएगा।
दरभंगा में हुआ यह प्रदर्शन वक्फ एक्ट पर देशभर में उठ रही असंतोष की लहर का ही एक उदाहरण है। मुस्लिम समुदाय की मांग स्पष्ट है – वक्फ संपत्तियों का सही इस्तेमाल हो, कानून में सुधार हो और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए। अब देखना यह होगा कि सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।
इस मुद्दे पर कई स्थानीय नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है और वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने की मांग का समर्थन किया है। वहीं प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया है कि उनकी शिकायतों को उचित स्तर पर भेजा जाएगा और कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
दरभंगा में मुस्लिम समुदाय के इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन ने एक नई बहस को जन्म दिया है जो आने वाले दिनों में और भी जोर पकड़ सकती है।