झारखंड में हो रहे बांग्लादेशी घुसपैठ पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुई हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
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रांची। झारखंड में हो रहे बांग्लादेशी घुसपैठ पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुई हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। इस मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।
वहीं दूसरी तरफ इस मामले में बीजेपी का आरोप है कि संथाल परगना समेत कई जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठ के कारण डेमोग्राफी बदलाव हैरान करने वाला है। बीजेपी आरोप लगा रही है कि वोटबैंक के लिए हेमंत सरकार घुसपैठियों को प्रश्रय दे रही है। यहां घुसपैठियों की आबादी बेतहाशा बढ़ रही है जिससे स्थानीय आदिवासियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है।
इतना ही नहीं बीजेपी के दिग्गज और पूर्व सीएम बाबू लाल तो ये ऐलान कर रहे हैं कि सूबे में सत्ता बनी तो मिनी NRC लागू करेंगे। वहीं दूसरी तरफ सीएम सोरेन इसको लेकर बीजेपी पर हमलावर हैं। उनका आरोप है कि बीजेपी NRC के बहाने भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। तो वहीं राज्य सरकार के मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के नेता का सवाल है कि अगर घुसपैठ हो रही है तो उसे रोकने की जवाबदेही किसकी है।
घुसपैठियों के कारण आदिवासियों के अस्तित्व पर खतरा
बता दें कि संथाल परगना के कुछ जिले बांग्लादेश सीमा से महज 40-50 किलोमीटर की दूरी पर हैं। इसलिए बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए झारखंड में प्रवेश करना आसान रहता है। हालात ऐसे हो गए हैं कि इस इलाके में आदिवासी आबादी अब अल्पसंख्यक होती जा रही है और घुसपैठियों की आबादी तिहाई से भी ज्यादा हो गई है। बहरहाल, ये मामला हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है और 19 जुलाई को इस मामले में अगली सुनवाई होगी।