जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में वायरल हुए ज़िपलाइन दुर्घटना वाले युवक को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने हादसे को 'प्रशासनिक लापरवाही' का नतीजा बताया और सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की। पीड़ित युवक के लिए न्याय की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशासन की जवाबदेही तय होना बेहद जरूरी है।
Updated Date
जम्मू-कश्मीर में एक ज़िपलाइन हादसे ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, जिसमें एक युवक गंभीर रूप से घायल हो गया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस हादसे के वीडियो ने न केवल लोगों को झकझोर दिया बल्कि सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल भी खड़े कर दिए। इस पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया।
महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, “पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा का ध्यान रखना प्रशासन की जिम्मेदारी है। अगर कोई हादसा होता है, तो इसकी जवाबदेही भी तय होनी चाहिए।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस तरह के मनोरंजनात्मक गतिविधियों में उचित निगरानी और नियमों का पालन जरूरी है, वरना यह लोगों की जान के लिए खतरा बन सकते हैं।
महबूबा मुफ्ती ने इस घटना को प्रशासन की लापरवाही का उदाहरण बताया और कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार को पर्यटन स्थलों पर व्यावसायिक गतिविधियों की नियमित जांच करनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सुरक्षा उपायों के बिना ऐसे साहसिक खेलों की अनुमति देना जनता की जान को जोखिम में डालने के बराबर है।
महबूबा मुफ्ती ने पीड़ित युवक के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और राज्य सरकार से मुआवजा और उपचार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की अपील की। उन्होंने यह भी मांग की कि जो भी एजेंसी या व्यक्ति इस ज़िपलाइन को संचालित कर रहा था, उसकी जवाबदेही तय की जाए और अगर जरूरी हो तो कानूनी कार्रवाई भी की जाए।
महबूबा ने अपने बयान में यह भी कहा कि कश्मीर का युवा भविष्य है, और किसी भी गतिविधि में उनकी सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “पर्यटन के नाम पर अराजकता फैलाना और जान की परवाह न करना, प्रशासन की सबसे बड़ी असफलता है।”
वह यह भी बोलीं कि घाटी को एक सुरक्षित पर्यटन स्थल के रूप में प्रचारित करना जरूरी है, लेकिन साथ ही इस बात की गारंटी भी देना चाहिए कि यहां आने वाले सैलानी और स्थानीय नागरिक सुरक्षित हैं।
घटना को लेकर न केवल महबूबा मुफ्ती बल्कि अन्य राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों ने भी सरकार से जवाब मांगा है। सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर लोगों में गुस्सा है और उन्होंने प्रशासन से ज़िपलाइन जैसी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है जब तक कि उचित सुरक्षा मानक सुनिश्चित न हो जाएं।
महबूबा मुफ्ती ने अपने बयान में यह भी कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इस मामले में जल्द कार्रवाई करे और जनता को आश्वासन दे कि आगे से इस तरह की घटनाएं नहीं दोहराई जाएंगी।