राहुल गांधी ने एक बार फिर जातीय जनगणना की मांग को दोहराया है और इसे सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार से सवाल किया कि अब तक इस मुद्दे पर क्या कार्यवाही हुई है और अगला कदम कब उठाया जाएगा। राहुल का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को लेकर एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और बराबरी के लिए अत्यंत आवश्यक बताया है। राहुल गांधी ने स्पष्ट कहा कि जब तक देश में सही आंकड़े सामने नहीं आएंगे, तब तक नीति निर्माण और संसाधनों का वितरण प्रभावी नहीं हो सकता। जातीय आधार पर जनगणना से यह सुनिश्चित किया जा सकता है कि हाशिए पर खड़े समाजों को उनका वाजिब हक मिले।
राहुल गांधी ने यह सवाल भी उठाया कि केंद्र सरकार आखिर इस मुद्दे पर चुप क्यों है। उन्होंने पूछा, “क्या सरकार को देश की सच्चाई से डर लगता है?” उनका यह बयान उस वक्त आया है जब कई राज्यों में विपक्षी पार्टियां जातीय जनगणना की मांग को लेकर आवाज उठा रही हैं और इसे चुनावी मुद्दा बना चुकी हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि आज भी देश में सामाजिक असमानता और जातिगत भेदभाव व्यापक रूप से मौजूद है। यदि सरकार को वाकई गरीबों और पिछड़े वर्गों की चिंता है, तो उसे जातीय जनगणना जैसे मजबूत कदम उठाने चाहिए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों की वास्तविक जनसंख्या का आंकड़ा सरकार के पास होगा, तो रोजगार, शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसी योजनाएं उनके हिसाब से बनाई जा सकती हैं।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से दो टूक सवाल पूछा कि क्या वह जातीय जनगणना कराएगी? यदि हां, तो उसकी रूपरेखा क्या होगी और उसे कब तक लागू किया जाएगा? यदि नहीं, तो उसका स्पष्ट कारण क्या है? उन्होंने कहा कि सरकार को इस मामले में स्पष्टता और पारदर्शिता दिखानी चाहिए, क्योंकि यह केवल एक राजनीतिक नहीं, बल्कि मानवाधिकार और समानता का मुद्दा है।
कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को लेकर एकजुटता दिखाई है। बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और अन्य राज्यों की सरकारों ने भी राज्यस्तरीय जातीय जनगणना की दिशा में कदम उठाया है। राहुल गांधी का मानना है कि केंद्र सरकार को अब इस पर जल्द फैसला लेना चाहिए क्योंकि जनता अब अधिकारों को लेकर जागरूक हो चुकी है और केवल खोखले वादों से बात नहीं बनने वाली।
भाजपा की तरफ से अभी तक राहुल गांधी के ताज़ा बयान पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पूर्व में भाजपा नेता इसे “वोट बैंक की राजनीति” बताकर खारिज करते रहे हैं। हालांकि, राहुल गांधी ने इस धारणा को सिरे से नकारते हुए कहा कि जातीय जनगणना देश को एकजुट करने वाला कदम है, न कि उसे बांटने वाला।