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जातीय जनगणना को राष्ट्रीय एजेंडा बनाने पर सम्राट चौधरी ने PM मोदी का किया धन्यवाद

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा कि जातीय जनगणना को राष्ट्रीय स्तर पर शामिल करना एक ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने कहा कि यह कदम सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा परिवर्तनकारी प्रयास है। यह निर्णय न केवल पिछड़े वर्गों की आवाज़ को मज़बूती देगा, बल्कि कल्याणकारी योजनाओं की दिशा भी तय करेगा।

By bishanpreet345@gmail.com 

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जातीय जनगणना पर सम्राट चौधरी का समर्थन: PM मोदी को बताया “सामाजिक न्याय का प्रतीक”

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने केंद्र सरकार के निर्णय पर गहरा संतोष जताया है जिसमें जातीय जनगणना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की दिशा में पहल की गई है। उन्होंने इस ऐतिहासिक कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुले दिल से धन्यवाद दिया और इसे “देश की सामाजिक संरचना को बेहतर समझने और सुधारने का माध्यम” बताया।

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सम्राट चौधरी ने एक प्रेस वार्ता में कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने यह सिद्ध कर दिया है कि वे केवल विकास की राजनीति नहीं करते, बल्कि सामाजिक समरसता और समानता को भी प्राथमिकता देते हैं। जातीय जनगणना से यह स्पष्ट होगा कि समाज में किन वर्गों को कितने संसाधनों की आवश्यकता है और किसे किन नीतियों से लाभ पहुंच सकता है।”

सामाजिक न्याय की ओर एक ठोस कदम

जातीय जनगणना को लेकर लंबे समय से मांग उठती रही है कि देश में विभिन्न जातियों की वास्तविक संख्या और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति का आंकलन होना चाहिए। सम्राट चौधरी ने इसे एक सामाजिक न्याय की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया और कहा कि यह आंकड़े सरकार की नीति निर्धारण प्रक्रिया को अधिक सटीक और प्रभावी बनाएंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब हम वास्तविकता आधारित नीतियों पर काम करें, ताकि पिछड़े, दलित और वंचित वर्गों को बराबरी का हक मिल सके। इससे केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर कल्याणकारी योजनाएं अधिक सटीक रूप से लागू की जा सकेंगी।

विपक्ष को दिया जवाब

जहां कुछ विपक्षी दलों ने इस पहल को चुनावी राजनीति से प्रेरित बताया है, वहीं सम्राट चौधरी ने कहा कि “यह सिर्फ राजनीति नहीं, बल्कि सदियों से उपेक्षित वर्गों की वास्तविक भागीदारी सुनिश्चित करने की कोशिश है।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को इस पर आपत्ति है, तो वह दरअसल सामाजिक न्याय के विरोधी हैं।

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उन्होंने आगे कहा, “जातीय आंकड़े केवल चुनावी समीकरण नहीं, बल्कि विकास के लिए आवश्यक सामाजिक डेटा हैं। सरकार यदि विकास को जनसंख्या के अनुसार संतुलित करना चाहती है, तो उसके लिए सही आंकड़े अनिवार्य हैं।”

BJP का बदला नजरिया

यह निर्णय बीजेपी के लिए भी एक नए दृष्टिकोण की पुष्टि करता है, जहां पार्टी सामाजिक न्याय और सर्वसमावेशी विकास को प्राथमिकता दे रही है। सम्राट चौधरी ने कहा कि यह फैसला दिखाता है कि बीजेपी अब केवल शहरी और उच्च वर्ग की पार्टी नहीं रही, बल्कि यह हर वर्ग, हर जाति और हर क्षेत्र की आवाज बन चुकी है।

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