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जाति जनगणना पर बोले केशव प्रसाद मौर्य: “सबको समान हक मिले, यही है भाजपा की सोच”

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जाति जनगणना पर बयान देते हुए कहा कि भाजपा की प्राथमिकता हर वर्ग को न्याय और समानता देना है। उन्होंने विपक्ष पर जाति को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि असली काम जनता के उत्थान का होना चाहिए, न कि सिर्फ आंकड़े जुटाने का। मौर्य ने सामाजिक न्याय के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए जातिगत संतुलन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

जातिगत आंकड़ों से ज्यादा ज़रूरी है सामाजिक उत्थान: केशव मौर्य

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने जाति जनगणना को लेकर एक स्पष्ट और संतुलित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना सिर्फ आंकड़ों का खेल नहीं है, बल्कि इसका उपयोग समाज के कमजोर वर्गों को आगे लाने के लिए होना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार की नीतियों का मूल आधार “सबका साथ, सबका विकास” है, जिसमें किसी भी वर्ग के साथ भेदभाव नहीं किया जाता।

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मौर्य ने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जाति जनगणना की मांग को कुछ राजनीतिक दल सिर्फ वोट बैंक के लिए उठा रहे हैं, जबकि भाजपा का उद्देश्य है कि जो समाज के वंचित वर्ग हैं, उन्हें सशक्त किया जाए और उन्हें मुख्यधारा में लाया जाए।

उन्होंने आगे कहा, “हम सिर्फ आंकड़े इकट्ठा करने में विश्वास नहीं रखते, बल्कि हमें उन आंकड़ों का सही उपयोग करना आता है। भाजपा सरकार पहले से ही ओबीसी, एससी, एसटी, और गरीब सवर्ण वर्गों के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिनका असर जमीनी स्तर पर देखा जा सकता है।”

समानता की दिशा में कदम

केशव मौर्य ने इस बात को भी दोहराया कि जातिगत समानता केवल जनगणना से नहीं आएगी, बल्कि इसके लिए सामाजिक और आर्थिक नीतियों का उचित क्रियान्वयन ज़रूरी है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि यूपी सरकार ने पिछड़े वर्गों के लिए शिक्षा, स्वरोजगार और स्वास्थ्य सेवाओं में बड़े बदलाव किए हैं, जो सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

मौर्य ने यह भी कहा कि जातिगत आंकड़े केवल तभी उपयोगी हैं जब वे नीतिगत निर्णयों में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करें। सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है ताकि सभी वर्गों को समान अवसर मिल सके।

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विपक्ष की रणनीति पर सवाल

डिप्टी सीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि “जब वे सत्ता में थे, तब उन्होंने कभी भी जातिगत आंकड़ों का उपयोग नहीं किया, लेकिन आज उन्हें जनगणना की याद आ रही है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा केवल दिखावा नहीं करती, बल्कि कार्यों से न्याय करती है।

उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि जाति जनगणना अगर होती है, तो उसका उद्देश्य सिर्फ राजनीतिक फायदा न होकर वास्तविक सामाजिक विकास हो।

निष्कर्ष

जाति जनगणना को लेकर देशभर में चर्चा जारी है, लेकिन केशव प्रसाद मौर्य का बयान इस मुद्दे को एक नए दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता को दर्शाता है। उनका कहना है कि “सामाजिक न्याय का मतलब सिर्फ जातिगत आंकड़े नहीं, बल्कि हर वर्ग को समान अधिकार और अवसर देना है।”

सरकार की यह सोच भारत को एक सशक्त और समानता-आधारित समाज की दिशा में ले जा सकती है।

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