शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने जाति जनगणना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राष्ट्रीय बहस में लाने का श्रेय राहुल गांधी को जाता है। राउत के इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है, खासकर तब जब जाति आधारित राजनीति एक बार फिर केंद्र में आ गई है।
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भारतीय राजनीति में जाति जनगणना को लेकर बहस लगातार तेज होती जा रही है। इस मुद्दे पर तमाम राजनीतिक दलों की राय सामने आ रही है, और अब शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने खुलकर कहा है कि इस बहस की शुरुआत का श्रेय कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिलना चाहिए। राउत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जाति जनगणना को लेकर जो मुद्दा आज पूरे देश में गूंज रहा है, उसकी नींव राहुल गांधी ने डाली थी।
संजय राउत ने कहा, “जब कोई मुद्दा जनता की आकांक्षाओं से जुड़ा होता है, तो उसे उठाने वाले नेताओं को भी पहचान मिलनी चाहिए। राहुल गांधी ने बार-बार संसद और जनसभाओं में जाति जनगणना की मांग उठाई और गरीबों, पिछड़ों और दलितों के लिए न्याय की बात की। आज जब सरकार इस दिशा में सोचने को मजबूर है, तो यह राहुल गांधी की राजनीतिक सफलता है।”
राउत के इस बयान को सिर्फ एक साधारण टिप्पणी नहीं, बल्कि विपक्षी एकता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए, विपक्ष जाति जनगणना के मुद्दे को मोदी सरकार के खिलाफ एक सशक्त हथियार की तरह इस्तेमाल करना चाहता है। इस संदर्भ में राहुल गांधी का समर्थन और उन्हें श्रेय देना विपक्ष की साझा रणनीति का हिस्सा भी माना जा रहा है।
राउत ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि “जब तक सत्ता में जातियों का असमान प्रतिनिधित्व है, तब तक न्याय की बात अधूरी रहेगी। भाजपा सिर्फ चुनाव जीतने की बात करती है, लेकिन सामाजिक न्याय के मुद्दे पर चुप रहती है।” उन्होंने आगे कहा कि सरकार को अगर सच में पिछड़ों और गरीबों की चिंता है, तो उसे जाति जनगणना की प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से शुरू करना चाहिए।
जाति जनगणना को सिर्फ आंकड़ों का मामला नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे सामाजिक न्याय और संसाधनों के सही वितरण के लिए एक आवश्यक कदम कहा जा रहा है। राहुल गांधी और संजय राउत जैसे नेता अब इस मुद्दे को जनता के बीच मजबूत तरीके से रखने लगे हैं। इससे समाज के पिछड़े तबकों में जागरूकता बढ़ी है और वे अपने अधिकारों को लेकर आवाज़ उठाने लगे हैं।
भाजपा ने राउत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी प्रवक्ताओं ने इसे “राजनीतिक नौटंकी” बताया और कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा का यह भी कहना है कि जाति जनगणना जैसे मुद्दों को चुनावी हथकंडा बनाना ठीक नहीं है।
जाति जनगणना पर संजय राउत का बयान न केवल राहुल गांधी की छवि को एक समाजवादी नेता के रूप में पुष्ट करता है, बल्कि इससे विपक्ष के एकजुट होने के संकेत भी मिलते हैं। आने वाले चुनावों में यह मुद्दा एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है।