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जम्मू में पाकिस्तानी ड्रोन हमला नाकाम: सुरक्षा बलों ने समय रहते किया इंटरसेप्ट

जम्मू में नियंत्रण रेखा के पास एक बार फिर पाकिस्तानी ड्रोन देखे गए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने समय रहते इंटरसेप्ट कर नाकाम कर दिया। ड्रोन में हथियार और विस्फोटक सामग्री होने की आशंका जताई जा रही है। इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गई है, और जांच एजेंसियां हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही हैं।

By bishanpreet345@gmail.com 

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जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर पाकिस्तानी ड्रोन गतिविधि से सीमा सुरक्षा बलों की सतर्कता की परीक्षा हुई। हाल ही में जम्मू सेक्टर में भारतीय सीमा के पास दो संदिग्ध ड्रोन देखे गए, जिन्हें भारतीय सुरक्षा बलों ने तुरंत इंटरसेप्ट कर नष्ट कर दिया। यह घटना एक बार फिर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों की ओर इशारा करती है, जो भारत की संप्रभुता को चुनौती देने की कोशिश कर रही हैं।

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सूत्रों के मुताबिक, यह ड्रोन संभवतः हथियार, गोला-बारूद या नकदी गिराने के इरादे से भेजे गए थे, जिसे स्थानीय आतंकी गुटों द्वारा रिसीव किया जाना था। इस कार्रवाई के बाद पूरे जम्मू क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और सीमा पर गश्त बढ़ा दी गई है।

ड्रोन इंटरसेप्शन की यह घटना रात के अंधेरे में हुई, जब बीएसएफ (BSF) के जवानों ने संदिग्ध आवाज़ सुनी और थर्मल इमेजिंग तकनीक का उपयोग कर एक छोटे आकार का ड्रोन ट्रैक किया। तत्परता दिखाते हुए सुरक्षा बलों ने गोलियां चलाईं और ड्रोन को नष्ट कर दिया। घटनास्थल से कुछ संदिग्ध वस्तुएं बरामद हुई हैं, जिनकी जांच की जा रही है।

यह कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के माध्यम से आतंक फैलाने की कोशिश की गई हो। पिछले कुछ वर्षों में ड्रोन का उपयोग आतंकवादियों तक हथियार, नकदी और संचार उपकरण पहुँचाने के लिए बार-बार किया गया है। भारतीय एजेंसियों ने भी इस ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए एंटी-ड्रोन सिस्टम की तैनाती तेज कर दी है।

विशेषज्ञों का मानना है कि ये ड्रोन हमले भारत को अस्थिर करने की रणनीति का हिस्सा हैं। जम्मू क्षेत्र को आतंकी नेटवर्क के लॉजिस्टिक हब के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश की जा रही है। भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान की बौखलाहट स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।

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घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है जिसमें सीमा सुरक्षा को और पुख्ता करने पर चर्चा हुई। ड्रोन गतिविधियों की रियल टाइम निगरानी और स्मार्ट सेंसर नेटवर्क जैसे टेक्नोलॉजी आधारित समाधानों पर भी बल दिया जा रहा है।

स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध वस्तु या गतिविधि की जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें। यह सामूहिक सतर्कता ही है जो आतंकवाद की कमर तोड़ सकती है।

जम्मू ड्रोन हमले की यह घटना न केवल हमारी सीमा सुरक्षा की चुनौती को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि भारत हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। हमारे सुरक्षा बलों की तत्परता और तकनीकी सक्षमता ने एक बार फिर देश को बड़ी क्षति से बचा लिया।

इस बीच, देशभर में इस घटना की तीव्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सोशल मीडिया पर लोगों ने सुरक्षा बलों की सराहना की है और सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की है। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करना अब जरूरी हो गया है।

इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि भारत को ड्रोन आधारित खतरों से निपटने के लिए सतत सतर्कता और टेक्नोलॉजी के तालमेल की जरूरत है। एक मजबूत और आधुनिक एंटी-ड्रोन डिफेंस सिस्टम ही आने वाले समय में ऐसे खतरों को निष्क्रिय कर पाएगा।

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