जम्मू में एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से ड्रोन के जरिए घुसपैठ की कोशिश हुई, जिसे सुरक्षा बलों ने मिड-एयर ही नाकाम कर दिया। पूरा घटनाक्रम CCTV में रिकॉर्ड हुआ जिसमें ड्रोन हवा में फटता हुआ दिखा। सुरक्षा एजेंसियों ने इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी है और यह एक बड़ी साजिश को विफल करने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
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जम्मू-कश्मीर एक बार फिर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद और हथियारों की तस्करी की साजिश का गवाह बना, जब एक पाकिस्तानी ड्रोन ने सीमावर्ती क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की। हाल ही में सामने आए CCTV फुटेज में देखा गया कि यह ड्रोन हवा में ही विस्फोट के साथ नष्ट हो गया। यह न केवल सुरक्षा बलों की सतर्कता का प्रमाण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा।
घटना उस समय हुई जब सुरक्षा एजेंसियों को राडार पर एक संदिग्ध उड़ती वस्तु की जानकारी मिली। फौरन ही जम्मू के सीमावर्ती इलाके में तैनात जवानों को अलर्ट कर दिया गया। जैसे ही ड्रोन भारतीय सीमा में दाखिल हुआ, उसे मिड-एयर ही जमीन से नियंत्रित हथियारों द्वारा निशाना बनाकर ध्वस्त कर दिया गया। विस्फोट के बाद क्षेत्र की सघन तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें किसी तरह के हथियार या विस्फोटक गिराए जाने की पुष्टि नहीं हुई।
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, यह ड्रोन संभवतः सीमा पार से आतंकियों तक हथियार, नकदी या विस्फोटक सामग्री पहुंचाने के मकसद से भेजा गया था। इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान की तरफ से ऐसे ड्रोन भेजे गए हैं जिनके जरिए भारत में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने की साजिश की गई है। लेकिन इस बार भारत की सतर्कता ने एक बड़ी साजिश को वक्त रहते नाकाम कर दिया।
इस घटना ने साबित कर दिया है कि भारतीय सुरक्षा एजेंसियां अब तकनीकी रूप से पहले से कहीं अधिक सुसज्जित और सतर्क हैं। सेना, बीएसएफ और अन्य खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतरीन समन्वय के चलते इस ड्रोन को समय रहते डिटेक्ट कर उसे हवा में ही उड़ा देना संभव हुआ। ये एजेंसियां अब इस बात की भी जांच कर रही हैं कि क्या यह ड्रोन GPS गाइडेंस सिस्टम से लैस था और इसे रिमोट कंट्रोल के जरिए सीमा पार से ऑपरेट किया जा रहा था।
घटना के बाद कई राजनीतिक नेताओं ने भी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने इस घटना को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताया और कहा कि भारत की सेना हर खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भी स्थानीय नागरिकों से सतर्क रहने और किसी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को देने की अपील की है।
इसके अलावा, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती इलाकों में रात में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है, और ड्रोन रोधी उपकरणों की तैनाती को और मजबूती दी जा रही है।