जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंक के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाते हुए 6 आतंकियों को मार गिराया है। यह कार्रवाई आतंकवाद के सफाये की दिशा में एक निर्णायक मोड़ मानी जा रही है। अभी भी ऑपरेशन जारी है और बचे हुए आतंकियों की तलाश की जा रही है। इस सफलता ने घाटी में सुरक्षा बलों की रणनीति को मजबूती दी है।
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जम्मू-कश्मीर में आतंक के खिलाफ निर्णायक हमला: ऑपरेशन में 6 आतंकी ढेर, सुरक्षाबलों की तलाश जारी
जम्मू-कश्मीर एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों के बड़े ऑपरेशन का गवाह बना, जिसमें आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने 6 आतंकियों को मार गिराया। यह ऑपरेशन जम्मू क्षेत्र के राजौरी और पुलवामा जैसे संवेदनशील इलाकों में चलाया गया, जहां बीते कुछ समय से आतंकी गतिविधियों में इजाफा देखा गया था।
सुरक्षा एजेंसियों को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ आतंकी सीमावर्ती क्षेत्रों में छिपे हुए हैं और किसी बड़े हमले की योजना बना रहे हैं। इसके बाद भारतीय सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और CRPF ने साझा रूप से एक समन्वित ऑपरेशन शुरू किया। यह ऑपरेशन कई घंटे चला और भारी गोलीबारी के बाद 6 आतंकियों को ढेर कर दिया गया।
ऑपरेशन की रणनीति और सफलता
ऑपरेशन की रणनीति बेहद सटीक और योजनाबद्ध थी। पहले ड्रोन और हाई-टेक सर्विलांस उपकरणों की मदद से आतंकियों की लोकेशन का पता लगाया गया। फिर विशेष कमांडो यूनिट को सक्रिय किया गया। जैसे ही आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि हुई, इलाके को चारों ओर से घेर लिया गया। सुरक्षाबलों ने स्थानीय नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए सावधानीपूर्वक यह ऑपरेशन अंजाम दिया।
इस कार्रवाई में सेना की पैराशूट रेजिमेंट और पुलिस की SOG टीम ने मुख्य भूमिका निभाई। मारे गए आतंकियों के पास से भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और पाकिस्तानी मार्किंग वाले दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, जो इस बात को साबित करते हैं कि पड़ोसी देश अभी भी घाटी में आतंक फैलाने की साजिशें कर रहा है।
घाटी में आतंकवाद के सफाए की दिशा में अहम कदम
यह ऑपरेशन सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक निर्णायक संदेश है। इस वर्ष की शुरुआत से अब तक जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने करीब 30 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया है। लगातार चल रहे ऑपरेशनों ने आतंकियों के मनोबल को तोड़ा है और स्थानीय लोगों में विश्वास पैदा किया है।
घाटी में पहले जहां आम नागरिक आतंकियों की गतिविधियों से दहशत में रहते थे, वहीं अब सुरक्षा बलों की सतर्कता और तेजी से हो रही कार्रवाई ने माहौल को बदल दिया है। स्थानीय लोगों की मदद और सहयोग से आतंकियों के खिलाफ जानकारी मिल रही है, जो इस संघर्ष में एक सकारात्मक संकेत है।
बचे हुए आतंकियों की तलाश जारी
हालांकि, अभी भी ऑपरेशन पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। सुरक्षाबलों को आशंका है कि कुछ आतंकी अब भी इलाके में छिपे हो सकते हैं। इसलिए खोजी अभियान जारी है और हर संदिग्ध गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सुरक्षाबलों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति या गतिविधि की जानकारी तुरंत साझा करें।
सरकार और सेना का रुख स्पष्ट
भारत सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति अपनाई जाएगी। रक्षा मंत्री और गृह मंत्रालय की ओर से भी इस ऑपरेशन की सराहना की गई है और इसे सुरक्षा बलों की बहादुरी और कुशल रणनीति का परिणाम बताया गया है।
केंद्र सरकार की कोशिश है कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द आतंकमुक्त बनाया जाए, ताकि यहां शांति और विकास की राह को मजबूती मिले। इस दिशा में सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और तकनीकी संसाधनों की भूमिका अहम बनती जा रही है।