जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में स्थित सलाल डैम के गेट खोल दिए गए हैं, जिससे चिनाब नदी में जलस्तर में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर नदी किनारे रहने वाले ग्रामीणों को। यह कदम भारी बारिश और डैम में बढ़ते जलभराव के चलते उठाया गया है।
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जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में स्थित सलाल जलविद्युत परियोजना के तहत बने सलाल डैम के गेट खोल दिए गए हैं। यह कदम बीते कुछ दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के कारण डैम में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया। चिनाब नदी, जो पहले ही बारिश के चलते उफान पर थी, अब डैम के गेट खुलने के बाद और अधिक खतरनाक स्तर तक पहुँच सकती है।
प्रशासन की ओर से आसपास के इलाकों में रहने वाले नागरिकों को सतर्क रहने और नदी के करीब न जाने की चेतावनी दी गई है। खासकर निचले इलाकों और खेतों में कार्य कर रहे लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने का अनुरोध किया गया है।
डैम के गेट खोलने के साथ ही चिनाब नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जल शक्ति विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों ने आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय कर दिया है और किसी भी संभावित आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन ने बताया कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, जो मानसून के दौरान जलस्तर अधिक होने पर अपनाई जाती है। हालांकि, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्रामीणों को आगाह कर दिया गया है ताकि कोई जनहानि न हो।
सलाल डैम से जलविद्युत उत्पादन भी होता है, और इस जलस्तर वृद्धि के कारण बिजली उत्पादन में भी तेजी आने की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह बारिश ऊर्जा उत्पादन के लिहाज़ से फायदेमंद हो सकती है, बशर्ते बाढ़ जैसी स्थिति पर नियंत्रण रखा जाए।
स्थानीय निवासी जहां प्रशासन के निर्देशों का पालन कर रहे हैं, वहीं उन्हें चिंता है कि यदि बारिश जारी रही तो उनके खेतीबाड़ी, मकान और पशु बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं। कई ग्रामीणों ने प्रशासन से राहत केंद्रों की संख्या बढ़ाने और समय पर मदद पहुंचाने की मांग की है।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने NDRF, SDRF, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड में डाल दिया है। रियासी जिला प्रशासन ने भी स्थानीय पंचायतों को निर्देश जारी किए हैं कि वे लोगों को सतर्क करें और जरूरत पड़ने पर तत्काल राहत पहुंचाएं।
डैम के गेट खोलने से जुड़ी जानकारी को सोशल मीडिया, लोकल रेडियो और टेलीविजन चैनलों के जरिए भी लोगों तक पहुँचाया जा रहा है, ताकि सभी को सही समय पर सूचना मिल सके।