उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में आयोजित जनता दरबार में आम लोगों की समस्याएं सुनीं और तुरंत संबंधित अधिकारियों को समाधान के निर्देश दिए। सीएम योगी का यह जनसंपर्क कार्यक्रम प्रदेश की जनता के बीच भरोसे की मिसाल बनकर उभरा है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य हर नागरिक को न्याय और त्वरित सहायता पहुंचाना है।
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लखनऊ के लोकभवन में आयोजित जनता दरबार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अपनी “जनता के मुख्यमंत्री” वाली छवि को साबित किया। आम जनता की समस्याएं सुनने के लिए आयोजित इस दरबार में सैकड़ों लोग विभिन्न समस्याओं को लेकर पहुंचे। सीएम योगी ने प्रत्येक फरियादी की बात ध्यानपूर्वक सुनी और संबंधित विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही कार्रवाई के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि जनता को न्याय देना ही सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आम नागरिकों की समस्याओं को गंभीरता से लें और तय समय-सीमा में समाधान करें। इस दरबार में भूमि विवाद, रोजगार, चिकित्सा सहायता, पुलिस से संबंधित शिकायतें जैसी विविध समस्याएं सामने आईं।
सीएम योगी ने जनता से मिले दर्द को न केवल समझा बल्कि उसे हल करने के लिए तत्परता भी दिखाई। कई मामलों में उन्होंने सीधा हस्तक्षेप करते हुए अधिकारियों को चेतावनी दी कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, “जनता सरकार के पास आखिरी उम्मीद के साथ आती है, उसे निराश नहीं लौटना चाहिए।” यह बयान उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है, साथ ही प्रशासन के प्रति उनकी सख्ती को भी उजागर करता है।
जनता दरबार में आए कई लोगों ने महिला सुरक्षा, शिक्षा में भ्रष्टाचार, जमीन पर अवैध कब्जे, और किसानों से जुड़ी समस्याएं उठाईं। मुख्यमंत्री ने हर समस्या को गंभीरता से लिया और महिला शिकायतकर्ताओं के लिए अलग काउंटर और महिला अधिकारी तैनात करने का सुझाव भी दिया।
किसानों की समस्याओं को लेकर योगी ने कहा कि “राज्य सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रही है और हर वैध मांग को प्राथमिकता दी जाएगी।” उन्होंने कृषि विभाग को निर्देशित किया कि किसानों को योजनाओं का लाभ सुलभता से मिले, इसके लिए विशेष निगरानी अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता दरबार केवल प्रतीकात्मक कार्यक्रम नहीं है, यह प्रशासन की जवाबदेही तय करने का माध्यम है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिले में नियमित जनसुनवाई करें और उसकी रिपोर्टिंग मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजें।
सीएम योगी का यह कार्यक्रम न केवल जनता को सशक्त बनाता है बल्कि प्रशासन को जिम्मेदार भी बनाता है। इससे सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और संवेदनशीलता दोनों सुनिश्चित होती हैं।