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“छक्के लगा सकता हूं तो 1-2 रन क्यों लूं”: बैटिंग स्टाइल से सबका ध्यान खींच रहे Vaibhav Suryavanshi

युवा क्रिकेटर वैभव सूर्यवंशी अपने आक्रामक बल्लेबाज़ी अंदाज़ को लेकर सुर्खियों में हैं। उनका कहना है कि अगर वह छक्के मार सकते हैं, तो सिंगल या डबल क्यों लें। यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है। उनके आत्मविश्वास और धुआंधार बैटिंग से फैंस काफी प्रभावित हैं।

By bishanpreet345@gmail.com 

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मैदान में आक्रामकता, बयान में आत्मविश्वास: वैभव सूर्यवंशी का खास अंदाज़

भारतीय क्रिकेट का भविष्य बनने की ओर अग्रसर युवा बल्लेबाज़ वैभव सूर्यवंशी ने हाल ही में एक बयान दिया है जो वायरल हो गया है – “जब मैं छक्का मार सकता हूं, तो 1 या 2 रन लेने की जरूरत ही क्यों है?” यह बयान न सिर्फ उनकी आक्रामक बैटिंग रणनीति को दर्शाता है, बल्कि उनके आत्मविश्वास और खेल के प्रति जुनून को भी उजागर करता है।

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वैभव का यह बयान एक इंटरव्यू के दौरान आया, जब उनसे उनकी खेलने की शैली के बारे में पूछा गया। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि उन्हें स्ट्राइक रोटेट करने से ज्यादा बाउंड्री पर भरोसा है। उन्होंने कहा, “मुझे अपने शॉट्स पर भरोसा है। अगर मौका है तो मैं हर गेंद को हिट करूंगा। रनिंग के बजाय मैं स्कोरबोर्ड को तेजी से आगे बढ़ाना चाहता हूं।”

क्रिकेट फैंस में बढ़ रही है लोकप्रियता

वैभव सूर्यवंशी की यह सोच आज के आधुनिक क्रिकेट के अनुरूप है, जहां पावर हिटिंग एक अहम स्किल बन चुकी है। सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल हो चुके हैं जहां वह गेंदबाज़ों की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। उनके फैंस उन्हें भविष्य का ‘फिनिशर’ भी कहने लगे हैं। IPL फ्रेंचाइज़ी की भी उन पर नजरें टिकी हुई हैं, और माना जा रहा है कि आने वाले सीज़न में उन्हें बड़ी बोली मिल सकती है।

कोच और एक्सपर्ट्स की राय

हालांकि, क्रिकेट एक्सपर्ट्स का मानना है कि बल्लेबाज़ को हर परिस्थिति में खुद को ढालने की जरूरत होती है। पूर्व खिलाड़ी और कोच का कहना है कि वैभव का आत्मविश्वास शानदार है, लेकिन स्मार्ट क्रिकेट खेलना भी उतना ही जरूरी है। कोच ने कहा, “कभी-कभी सिंगल लेना भी मैच जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।”

भविष्य की राह

वैभव सूर्यवंशी का यह बयान यकीनन उनके फैंस को प्रेरित करता है, लेकिन इसे क्रिकेट की समझ के साथ संतुलित करना भी ज़रूरी है। वह खुद भी मानते हैं कि उन्हें सीखना और सुधार करना पसंद है। उन्होंने कहा, “हर मैच में कुछ नया सीखता हूं। मेरी कोशिश यही रहती है कि जब मैदान में उतरूं तो मेरी मौजूदगी से फर्क पड़े।”

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भारतीय क्रिकेट को ऐसे ही युवाओं की जरूरत है जो न सिर्फ टैलेंटेड हों, बल्कि अपने खेल को लेकर जुनूनी भी हों। वैभव सूर्यवंशी निश्चित ही एक उभरता हुआ सितारा हैं और आने वाले समय में उनकी बल्लेबाज़ी को देखना रोमांचक होगा।

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