गोवा एयरपोर्ट पर एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में आठ घंटे की देरी से यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। न यात्रियों को समय से सूचना मिली और न ही उचित सुविधा मुहैया कराई गई। फ्लाइट की देरी का कारण तकनीकी खामी बताया गया है, लेकिन यात्रियों ने एयरलाइन प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया।
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गोवा एयरपोर्ट पर शनिवार को Air India Express की फ्लाइट को लेकर यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। निर्धारित समय से उड़ान भरने वाली यह फ्लाइट आठ घंटे तक टाल दी गई, जिससे यात्रियों में खासा गुस्सा और तनाव देखने को मिला। इस देरी के दौरान यात्रियों को न तो कोई स्पष्ट सूचना दी गई और न ही पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
फ्लाइट में देरी का कारण तकनीकी खामी बताया गया, लेकिन यात्रियों का आरोप है कि एयरलाइन स्टाफ ने शुरू में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया और न ही समय-समय पर स्थिति की जानकारी दी। यात्रियों ने कहा कि एयरपोर्ट पर पानी, बैठने और खाने तक की सुविधाएं सही तरीके से नहीं दी गईं, जिससे बुजुर्गों और बच्चों को सबसे ज़्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
इस घटना के बाद कई यात्रियों ने सोशल मीडिया का सहारा लिया और एयरलाइन के खिलाफ नाराज़गी जाहिर करते हुए वीडियो और फोटो शेयर किए। कुछ यात्रियों ने एयरपोर्ट परिसर में स्टाफ के साथ बहस करते हुए वीडियो डाले, जिनमें एयर इंडिया एक्सप्रेस की बदइंतज़ामी को उजागर किया गया।
यात्री विनोद शर्मा, जो अपनी फैमिली के साथ कोच्चि जा रहे थे, ने कहा, “हम सुबह से यहां फंसे हुए हैं, किसी को नहीं पता कि फ्लाइट कब चलेगी। एयरलाइन स्टाफ हमारे सवालों का जवाब नहीं दे रहा है।”
मामला तूल पकड़ने के बाद एयर इंडिया एक्सप्रेस ने बयान जारी किया कि फ्लाइट में देरी तकनीकी खामी के कारण हुई है, और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए ही उड़ान को रोका गया। एयरलाइन ने यह भी कहा कि यात्रियों को refreshment और सूचना देने की हर संभव कोशिश की गई, हालांकि यात्रियों के अनुभव इसके विपरीत दिखे।
फ्लाइट में इस कदर देरी और यात्री असुविधा को देखते हुए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इस घटना पर रिपोर्ट मांगी है। यह देखा जाएगा कि एयरलाइन ने देरी के दौरान यात्रियों के लिए क्या इंतज़ाम किए और क्या सभी नियमों का पालन किया गया।
भारत में घरेलू उड़ानों की मांग में बढ़ोतरी हो रही है, लेकिन एयरलाइनों की ओर से बुनियादी सेवाओं में लगातार गिरावट देखी जा रही है। इस तरह की घटनाएं यात्री अनुभव को खराब करती हैं और भारत की एविएशन इंडस्ट्री की छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं। ऐसे में ज़रूरी है कि एयरलाइंस अपनी सेवाओं की गुणवत्ता को प्राथमिकता दें और समयबद्ध उड़ानों और पारदर्शिता को सुनिश्चित करें।