केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय को यह तय करना चाहिए कि क्या ऐसे अस्थिर देश के हाथों में परमाणु हथियार सुरक्षित हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करते हुए क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए इसे जरूरी बताया।
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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर पाकिस्तान की परमाणु नीति और हथियारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक वैश्विक मंच पर बोलते हुए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और आतंकी गतिविधियों को देखते हुए यह तय करे कि क्या वहां परमाणु हथियार सुरक्षित रह सकते हैं।
राजनाथ सिंह का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान में लगातार राजनीतिक उथल-पुथल, सैन्य दखल और आतंकी संगठनों की बढ़ती मौजूदगी से वैश्विक शक्तियाँ भी चिंतित हैं। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान जैसे अस्थिर राष्ट्र के पास परमाणु हथियार होना केवल दक्षिण एशिया ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है।”
राजनाथ सिंह ने कहा कि यह सिर्फ भारत-पाक मुद्दा नहीं है, बल्कि एक वैश्विक सुरक्षा चुनौती है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों से आग्रह किया कि वे इस विषय पर स्पष्ट रुख अपनाएं और यदि जरूरी हो तो सुरक्षा जांच और निगरानी के उपाय करें। उनका कहना है कि यदि विश्व समुदाय मूक दर्शक बना रहा, तो भविष्य में इसका परिणाम विनाशकारी हो सकता है।
रक्षा मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा। पाकिस्तान की अनियंत्रित नीति और आतंकी समर्थन को देखते हुए भारत ने अपनी सीमाओं पर सुरक्षा और खुफिया निगरानी को और मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है, लेकिन यदि उसकी संप्रभुता या नागरिकों की सुरक्षा को खतरा हुआ तो वह जवाब देने में संकोच नहीं करेगा।
राजनाथ सिंह के बयान के बाद कई वैश्विक सुरक्षा विशेषज्ञों ने इस चिंता को जायज बताया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अंदर राजनीतिक अस्थिरता और कट्टरपंथी संगठनों का प्रभाव बढ़ रहा है, जिससे परमाणु हथियारों के नियंत्रण पर सवाल उठना स्वाभाविक है। अमेरिकी थिंक टैंक और रक्षा विश्लेषकों ने पहले भी इस मुद्दे को लेकर निगरानी और पारदर्शिता की जरूरत बताई है।
पाकिस्तान की तरफ से राजनाथ सिंह के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया आई है। वहां के विदेश मंत्रालय ने इसे भारतीय प्रचार और भय फैलाने वाला बयान करार दिया। हालांकि पाकिस्तान के भीतर भी कुछ पत्रकारों और रक्षा विश्लेषकों ने यह माना कि आंतरिक हालात चिंता का विषय हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह छवि मजबूत हो रही है कि पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों पर पूर्ण नियंत्रण नहीं रखता।