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कानून को हाथ में लेने वालों को नहीं मिलेगी छूट: ममता बनर्जी का सख्त संदेश

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कानून व्यवस्था को लेकर कड़ा संदेश देते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति अगर कानून को अपने हाथ में लेता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों और आम नागरिकों से कानून का सम्मान करने की अपील की। यह बयान राज्य में हालिया हिंसक घटनाओं और कानून व्यवस्था से जुड़ी चिंताओं के बीच आया है।

By bishanpreet345@gmail.com 

Updated Date

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दो-टूक संदेश: कानून सबके लिए बराबर

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में कानून का राज चलेगा, न कि भीड़तंत्र का। हाल ही में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने तीखे शब्दों में कहा, “कानून को अपने हाथ में लेने वालों के लिए राज्य सरकार की तरफ से कोई सहानुभूति नहीं होगी।” यह बयान उस समय आया है जब राज्य में कुछ क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को लेकर असंतोष और हिंसा की घटनाएं देखने को मिल रही हैं।

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ममता बनर्जी का यह रुख न सिर्फ उनकी प्रशासनिक गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वह कानून व्यवस्था को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहतीं।


सभी के लिए समान कानून, कोई अपवाद नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सभी नागरिकों के लिए कानून समान है, चाहे वह आम आदमी हो या कोई राजनेता। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि कानून का उल्लंघन करने वाले चाहे किसी भी वर्ग से आते हों, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। “जनता को अधिकार है कि वे अपनी बात रखें, लेकिन हिंसा और तोड़फोड़ के जरिए नहीं,” उन्होंने कहा।

यह बयान सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी उजागर करता है, जहां लोकतंत्र में विरोध का अधिकार तो है, लेकिन उसकी सीमाएं तय हैं।


प्रशासन को मिला साफ निर्देश: कानून व्यवस्था में ढिलाई नहीं चलेगी

ममता बनर्जी ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को चेताया कि अगर किसी भी क्षेत्र में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब होती है तो इसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों की सुरक्षा के प्रति पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और कोई भी अपराधी कानून से ऊपर नहीं है।

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इस दिशा में, सरकार उन स्थानों पर विशेष निगरानी रख रही है जहां पर हाल ही में तनाव या हिंसक झड़पें हुई हैं।


राजनीति में हिंसा के लिए नहीं है जगह

उन्होंने यह भी साफ किया कि राजनीति में असहमति और बहस की जगह तो है, लेकिन हिंसा और दहशत की नहीं। बंगाल की संस्कृति विविधता, सहिष्णुता और लोकतंत्र की भावना पर आधारित है। “अगर कोई पार्टी या समूह समाज में भय फैलाने की कोशिश करेगा, तो सरकार उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी,” ममता बनर्जी ने कहा।

यह संदेश खास तौर पर उन ताकतों को दिया गया जो राजनीति के नाम पर जनता को गुमराह करने या भड़काने की कोशिश करती हैं।


कानून का सम्मान करें, सहयोग करें: मुख्यमंत्री की जनता से अपील

मुख्यमंत्री ने आम जनता से भी अपील की कि वे किसी भी अफवाह या उकसावे में न आएं। उन्होंने कहा कि “अगर आपको कोई समस्या है, तो प्रशासन से संपर्क करें, लेकिन कानून अपने हाथ में न लें।”

उनकी यह अपील सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करती है और यह बताती है कि बेहतर शासन तभी संभव है जब सरकार और जनता मिलकर काम करें।

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निष्कर्ष (Conclusion):

ममता बनर्जी का यह बयान एक चेतावनी भी है और एक मार्गदर्शन भी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए कानून का पालन अनिवार्य है। हिंसा, तोड़फोड़ और अव्यवस्था को कोई भी सरकार स्वीकार नहीं कर सकती। उनके इस रुख से यह संदेश गया है कि पश्चिम बंगाल में प्रशासन सक्रिय है और कानून व्यवस्था को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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