RSS प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) अपने कानपुर दौरे पर पहुंचे, जहां उन्होंने संगठन कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरे के दौरान उन्होंने सामाजिक समरसता और राष्ट्र निर्माण में संगठन की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। मोहन भागवत के इस दौरे को लेकर शहर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
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कानपुर (Kanpur) में शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) का स्वागत जोरदार ढंग से किया गया। अपने निर्धारित कार्यक्रम के तहत मोहन भागवत कार्यकर्ताओं (RSS Workers) से संवाद करने के लिए पहुंचे और संगठन के आगामी कार्यों की दिशा पर चर्चा की।
मोहन भागवत का यह दौरा संगठन के विस्तार (RSS Expansion) और सामाजिक समरसता (Social Harmony) को मजबूत करने के उद्देश्यों के तहत आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में समाज को एकजुट रखना और राष्ट्र निर्माण (Nation Building) की भावना को मजबूत करना सबसे बड़ी जरूरत है।
कार्यक्रम में भागवत ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में फैली विघटनकारी ताकतों (Disruptive Forces) का मुकाबला करने के लिए संगठन को और अधिक मजबूत और सक्रिय बनाना होगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे घर-घर जाकर लोगों को भारतीय संस्कृति (Indian Culture) और राष्ट्रभक्ति (Patriotism) के महत्व को समझाएं।
इस दौरान मोहन भागवत ने कानपुर में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं (Social Activists) और धार्मिक नेताओं (Religious Leaders) से मुलाकात भी की। उन्होंने सभी से अपील की कि जाति, धर्म और भाषा के भेदभाव को भुलाकर राष्ट्रीय एकता (National Unity) को सर्वोपरि रखा जाए।
कार्यक्रम स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था (Security Arrangements) बेहद कड़ी रही। प्रशासन ने मोहन भागवत के दौरे को देखते हुए पूरे शहर में पुलिस बल (Police Force) तैनात कर दिया था। चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी गई ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि भारत को फिर से विश्वगुरु (Vishwaguru) बनाने के लिए हर नागरिक को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक समाज सेवा (Social Service) के माध्यम से राष्ट्र की उन्नति में योगदान दें और हर नागरिक के मन में देशभक्ति की भावना जगाएं।
उन्होंने कार्यकर्ताओं को यह भी बताया कि कैसे सेवा कार्यों (Service Activities) के जरिए आम जनता के बीच संगठन की विश्वसनीयता बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि RSS केवल एक संगठन नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन (Way of Life) है, जो हर नागरिक के भीतर सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य कर रहा है।
इस दौरे के दौरान मोहन भागवत ने आगामी समय में संगठन की योजनाओं (RSS Future Plans) और कार्यक्रमों को लेकर भी दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वदेशी उत्पादों (Swadeshi Products) को बढ़ावा देना संगठन की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है।
कानपुर दौरे के चलते शहर में RSS कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में लोग मोहन भागवत के विचारों को सुनने के लिए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। कार्यकर्ताओं ने बताया कि भागवत के मार्गदर्शन से उन्हें नई ऊर्जा और दिशा मिली है।
विशेषज्ञों का मानना है कि मोहन भागवत का यह दौरा उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh Politics) में आगामी सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण हो सकता है। संघ के गतिविधियों में तेजी आने से स्थानीय स्तर पर सामाजिक बदलाव की संभावनाएं भी बढ़ी हैं।
कार्यक्रम के समापन पर मोहन भागवत ने कहा कि “हमारा उद्देश्य किसी के खिलाफ काम करना नहीं है, बल्कि पूरे समाज को एकजुट कर एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण करना है।” उन्होंने कार्यकर्ताओं को निरंतर आत्मचिंतन (Self-Reflection) और आत्मसुधार (Self-Improvement) का संदेश भी दिया।
मोहन भागवत का कानपुर दौरा यह साबित करता है कि RSS जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ और जनसमर्थन को और अधिक मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। अब देखना होगा कि इस दौरे के बाद संगठन किन नए सामाजिक अभियानों की शुरुआत करता है।