भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिन्दूर' के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सफल कार्रवाई के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकालीन कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। यह ऑपरेशन भारतीय सेना की रणनीतिक क्षमता और आतंकवाद के प्रति 'जीरो टॉलरेंस' नीति का प्रमाण है। बैठक में सुरक्षा हालात, कूटनीतिक रणनीतियां और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा हुई
Updated Date
भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को अंजाम दिए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एक आपातकालीन केंद्रीय कैबिनेट बैठक की अध्यक्षता की। यह अभियान न केवल एक सैन्य विजय था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की सख्त नीति का भी स्पष्ट संकेत था।
सूत्रों के अनुसार, यह ऑपरेशन भारतीय खुफिया एजेंसियों और विशेष बलों की महीनों की योजना का परिणाम था। इसका उद्देश्य पाकिस्तान के भीतर सक्रिय आतंकी ठिकानों को निष्क्रिय करना था जो भारत के खिलाफ लगातार साजिशें रच रहे थे। ऑपरेशन सिन्दूर ने सटीकता और गोपनीयता के साथ इन अड्डों को निशाना बनाया, जिससे कई आतंकवादी मारे गए और उनके ठिकाने नष्ट कर दिए गए।
कैबिनेट बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, रक्षा मंत्री, गृह मंत्री सहित कई शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ “कठोर और निर्णायक” कार्रवाई जारी रखेगा। उन्होंने सुरक्षा बलों के साहस की सराहना की और कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है — आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है।
बैठक में यह भी तय हुआ कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के खिलाफ और अधिक कूटनीतिक दबाव बनाएगा। संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ भारत का रुख और कड़ा होगा।
‘ऑपरेशन सिन्दूर’ को लेकर आम जनता में भी खासा उत्साह है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग सरकार के इस निर्णय को साहसिक और देशहित में बता रहे हैं। साथ ही, शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के लिए देशभर में कैंडल मार्च और प्रार्थना सभाएं आयोजित की जा रही हैं।
सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि यह ऑपरेशन पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश देता है कि भारत अब किसी भी आतंकी गतिविधि को नजरअंदाज नहीं करेगा। यह कार्रवाई उस नीति का हिस्सा है जिसमें ‘पहले चेतावनी, फिर कार्रवाई’ के सिद्धांत को अपनाया गया है।
बैठक के बाद सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की ओर से किसी भी तरह की आक्रामकता या युद्ध का प्रयास नहीं है, लेकिन यदि कोई राष्ट्र भारत की संप्रभुता को चुनौती देगा, तो उसे मुंहतोड़ जवाब मिलेगा। यह भारत की रक्षात्मक नीति में आक्रामक रणनीति का नया अध्याय माना जा रहा है।
इस ऑपरेशन के बाद अब खुफिया एजेंसियों और सेना की सतर्कता और बढ़ा दी गई है। सभी सीमावर्ती क्षेत्रों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है और पाकिस्तान की हर हरकत पर नजर रखी जा रही है। ड्रोन सर्विलांस, सैटेलाइट ट्रैकिंग और जमीनी खुफिया नेटवर्क को भी पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है।
देश भर से राजनेताओं, पूर्व सैनिकों और आम नागरिकों ने सरकार और सेना की इस रणनीतिक सफलता की प्रशंसा की है। यह साफ हो गया है कि भारत अब आतंक के खिलाफ कूटनीति और गोली – दोनों का संतुलन साधते हुए आगे बढ़ रहा है