ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के साथ अपनी सैन्य नीति और रणनीतिक दिशा में बड़ा बदलाव किया है। यह ऑपरेशन सीमापार आतंकवाद पर सीधा और निर्णायक प्रहार है। नए नियमों में सुरक्षा बलों को अधिक अधिकार, आधुनिक हथियारों का उपयोग और त्वरित कार्रवाई का अधिकार दिया गया है। इससे भारत ने साफ संदेश दे दिया है कि अब नीति भी बदली है और नीयत भी।
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भारत ने एक बार फिर अपने शत्रुओं को यह जता दिया है कि वह अब पुरानी नीतियों के साथ नहीं चलने वाला। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ संघर्ष के नियम पूरी तरह से बदल दिए हैं। यह ऑपरेशन न केवल सीमा पर बल्कि कूटनीतिक, रणनीतिक और सैन्य स्तर पर भारत की नई सोच और ताकत का प्रतीक है।
सेना और विशेष बलों को अब ज्यादा स्वायत्तता दी गई है ताकि वे पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का त्वरित जवाब दे सकें। अब तक सुरक्षा बलों को कई स्तरों की मंजूरी लेनी पड़ती थी, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर के तहत यह प्रक्रिया सरल और तेज़ कर दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक, हाल के महीनों में पाकिस्तान की ओर से बढ़ती सीमा पार घुसपैठ, ड्रोन से हथियारों की सप्लाई, और आतंकी लॉन्च पैड्स की सक्रियता ने भारत को यह रणनीतिक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। नए नियमों में यह स्पष्ट किया गया है कि अब हर कार्रवाई का जवाब “पलटवार की नीति” के तहत दिया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य सिर्फ जवाब देना नहीं, बल्कि आतंकी गतिविधियों की जड़ तक पहुंचकर उन्हें नष्ट करना है। इसके लिए भारत ने उन्नत सैटेलाइट निगरानी प्रणाली, AI आधारित विश्लेषण तंत्र, और नाइट विजन ड्रोन टेक्नोलॉजी को सीमा पर तैनात किया है। इससे सेना को आतंकियों की हर गतिविधि पर वास्तविक समय में नजर रखने में मदद मिल रही है।
इस ऑपरेशन का एक महत्वपूर्ण पहलू है इंटेलिजेंस कोऑर्डिनेशन। अब सेना, रॉ, IB और NIA जैसी सभी एजेंसियाँ एक साझा डेटा प्लेटफॉर्म पर काम कर रही हैं ताकि किसी भी आतंकवादी साजिश को समय रहते नष्ट किया जा सके। पाकिस्तान के आतंकी गुटों को मिल रही फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट पर भी अब सीधा प्रहार किया जा रहा है।
राजनीतिक स्तर पर भी भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि अगर वह अपने इलाके से संचालित आतंकी गतिविधियों को नहीं रोकेगा, तो उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग कर दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर के लॉन्च के बाद से ही भारत ने कूटनीतिक दबाव, संयुक्त राष्ट्र में मामला उठाना, और G20 व ASEAN मंचों पर पाकिस्तान की निंदा जैसे कदम उठाए हैं।
आम नागरिकों की सुरक्षा को भी इस ऑपरेशन का अभिन्न हिस्सा बनाया गया है। सीमा से सटे गांवों में अब बुलेटप्रूफ बंकर, आपातकालीन अलार्म सिस्टम, और रैपिड एक्शन मेडिकल टीम्स तैनात की गई हैं। साथ ही, सीमावर्ती स्कूलों में आत्मरक्षा प्रशिक्षण भी शुरू किया गया है ताकि किसी भी आपात स्थिति में नागरिक तैयार रहें।
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत से ही भारत की स्थिति स्पष्ट है — अब “पहले गोली नहीं चलाएंगे” की नीति को “पहली गोली का दस गुना जवाब” की नीति से बदल दिया गया है। सेना को अब न केवल जवाब देने की, बल्कि प्रोएक्टिव स्ट्राइक करने की भी पूरी छूट दी गई है। इससे आतंकी गुटों में डर का माहौल है और कई इलाकों में उनके लॉन्च पैड्स खाली होने लगे हैं।
यह ऑपरेशन भारत की नई रक्षा नीति, आतंरिक सुरक्षा रणनीति, और कूटनीतिक स्थिरता का संगम है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अब देश आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा, और हर जवान का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।