ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को लेकर चिंता बढ़ गई है। भारत की सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करेगा या अंतरराष्ट्रीय दबाव के चलते शांत रहेगा। वांटेज विद पल्की शर्मा में इस मुद्दे पर गहराई से चर्चा हुई।
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ऑपरेशन सिंदूर, जो हाल ही में भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा जम्मू-कश्मीर में किए गए एक सटीक और निर्णायक सैन्य ऑपरेशन के रूप में सामने आया है, ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। यह ऑपरेशन आतंकवादी लॉन्चपैड्स को निशाना बनाकर किया गया था, जिनका इस्तेमाल सीमा पार से भारत में घुसपैठ के लिए किया जा रहा था। इस मिशन की सफलता ने पाकिस्तान की नीतियों और उसकी प्रतिक्रिया की दिशा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
वांटेज विद पल्की शर्मा में इस विषय पर विस्तार से चर्चा हुई। कार्यक्रम में बताया गया कि भारत अब पहले से अधिक आक्रामक और रणनीतिक रूप से तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर का मकसद केवल आतंकवादियों को मार गिराना नहीं था, बल्कि यह एक स्पष्ट संदेश भी था — भारत अब रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक कार्यवाही की नीति अपनाएगा।
अब सवाल उठता है: क्या पाकिस्तान इस ऑपरेशन के बाद तनाव बढ़ा सकता है?
विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्तान पर दोहरी चुनौती है — एक ओर उसे आंतरिक अस्थिरता और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है, दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी छवि पहले से ही खराब हो चुकी है। भारत द्वारा किए गए इस ऑपरेशन के बाद यदि पाकिस्तान कोई जवाबी कार्रवाई करता है, तो वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की और आलोचना का शिकार हो सकता है।
इस विषय पर सैन्य विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान फिलहाल सीधे सैन्य जवाब देने की स्थिति में नहीं है। हालांकि, वह सीमा पर सीज़फायर उल्लंघन, ड्रोन गतिविधियों या प्रॉक्सी आतंकवाद का सहारा लेकर तनाव बढ़ा सकता है।
भारत ने यह साफ कर दिया है कि हर तरह की घुसपैठ और आतंकवादी हरकत का सख्ती से जवाब दिया जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर इसी नीति का प्रतीक है, जिसमें बिना बड़ी क्षति के सटीक रणनीति से लक्ष्य को निष्क्रिय किया गया।
पल्की शर्मा ने अपने कार्यक्रम में यह भी बताया कि पाकिस्तान की सेना और ISI की अंदरूनी लड़ाई भी इस तरह के ऑपरेशन को लेकर उसके निर्णयों को प्रभावित कर सकती है। पाकिस्तान के राजनैतिक अस्थिरता के चलते वहाँ की नीति में स्पष्टता नहीं है।
वहीं, भारत ने अपनी सीमाओं की सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी, रात में हमला करने की क्षमता, और लोकल इंटेलिजेंस नेटवर्क को भी सक्रिय किया है। इसके अलावा, भारत अब केवल सैन्य स्तर पर नहीं, बल्कि डिप्लोमैटिक फ्रंट पर भी पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहा है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की कूटनीति और सैन्य नीति में एक नया आत्मविश्वास दिखाई दे रहा है। अब यह स्पष्ट है कि भारत केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि पहले कदम उठाकर खतरे को खत्म करेगा।
अंततः, पाकिस्तान की ओर से तनाव बढ़ाने की संभावनाएं हैं, लेकिन उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना पक्ष मजबूत किया है और अब हर स्थिति के लिए तैयार है।