उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल केम्प्टी फॉल्स में भारी बारिश के बाद पानी के तेज बहाव ने हड़कंप मचा दिया है। अचानक आई जलधारा से स्थानीय प्रशासन सतर्क हो गया है और पर्यटकों को अलर्ट पर रखा गया है। जलप्रपात की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिससे सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
Updated Date
उत्तराखंड के मसूरी स्थित प्रसिद्ध जलप्रपात केम्प्टी फॉल्स इस समय चर्चा में है, लेकिन किसी खुशनुमा कारण से नहीं बल्कि भारी बारिश के बाद अचानक आई जलभराव की स्थिति से। बीते 24 घंटों में क्षेत्र में हुई तेज बारिश के कारण फॉल्स में जबरदस्त जलस्तर वृद्धि देखी गई है, जिससे पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं।
केम्प्टी फॉल्स का पानी आमतौर पर शांत और मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है, लेकिन इस बार हालात बिल्कुल विपरीत हैं। पानी के तेज बहाव ने पर्यटकों को अचानक परेशान कर दिया। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार, पर्यटकों को आनन-फानन में बाहर निकाला गया और प्रशासन ने क्षेत्र में रेड अलर्ट घोषित कर दिया है। हालांकि अब तक किसी जनहानि की सूचना नहीं है, लेकिन प्रशासन लगातार नजर बनाए हुए है।
मौके पर मौजूद कई पर्यटकों ने बताया कि अचानक पानी का बहाव इतना तेज हो गया कि किसी को कुछ समझने का मौका ही नहीं मिला। एक पर्यटक ने कहा, “हम तो सिर्फ तस्वीरें खींच रहे थे, लेकिन कुछ ही मिनटों में माहौल डरावना हो गया। हमने पहले कभी ऐसा नहीं देखा।” कई पर्यटकों ने इस दृश्य को डरावना लेकिन रोमांचक अनुभव बताया।
केम्प्टी फॉल्स में हालात को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। मसूरी पुलिस और SDRF की टीमें मौके पर तैनात कर दी गई हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता, तब तक जलप्रपात के पास न जाएं। इसके साथ ही राज्य सरकार ने मौसम विभाग के पूर्वानुमानों को ध्यान में रखते हुए आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया है।
तेज बहाव वाले केम्प्टी फॉल्स की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। लोग इस प्राकृतिक घटना को देखकर चौंक गए हैं और कई यूज़र्स ने सरकार से सवाल भी पूछे हैं कि पर्यटक स्थलों पर समय रहते अलर्ट क्यों नहीं जारी किया जाता।
अब उत्तराखंड प्रशासन केम्प्टी फॉल्स जैसे संवेदनशील स्थलों के लिए नई सुरक्षा गाइडलाइंस पर काम कर रहा है। फॉल्स के आसपास सुरक्षा बैरिकेडिंग, चेतावनी बोर्ड और आपातकालीन सीटी जैसी व्यवस्थाएं लागू की जाएंगी ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से निपटा जा सके।