प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस से अपने तीखे भाषण में परमाणु धमकियों को लेकर पाकिस्तान और अन्य शत्रु देशों को स्पष्ट चेतावनी दी। उन्होंने भारत की सैन्य ताकत, आत्मनिर्भरता और वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया। यह भाषण राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति सरकार की गंभीरता को दर्शाता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में पंजाब के आदमपुर एयरबेस से एक सशक्त और निर्णायक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने “न्यूक्लियर ब्लैकमेल” यानी परमाणु धमकियों पर खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अब भारत ऐसी धमकियों से डरने वाला नहीं है और देश किसी भी खतरे का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
पीएम मोदी ने कहा, “हमारे विरोधी अब तक यह मानते थे कि न्यूक्लियर ब्लैकमेल की धमकी से भारत दब जाएगा। लेकिन नया भारत दबता नहीं, डटकर जवाब देता है।” यह बयान साफ तौर पर उन देशों के लिए था जो बार-बार परमाणु हथियारों की धमकी देकर भारत को रणनीतिक रूप से कमजोर करने की कोशिश करते हैं।
यह भाषण सिर्फ एक राजनीतिक बयान नहीं था, बल्कि एक रणनीतिक संकेत भी था — कि भारत अब न केवल कूटनीति में बल्कि सैन्य शक्ति में भी आत्मनिर्भर और सक्षम हो चुका है। पीएम मोदी ने वायुसेना की ताकत, तेजस फाइटर जेट्स, राफेल विमानों और आधुनिक रक्षा प्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि अब भारत आकाश से लेकर अंतरिक्ष तक हर स्तर पर सुरक्षित है।
उन्होंने यह भी कहा कि देश की सुरक्षा केवल सैनिकों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का भी फर्ज बनता है कि वह राष्ट्र की रक्षा में अपना योगदान दे। उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की उपलब्धियों को गिनाते हुए रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्पादन को प्राथमिकता देने की बात कही।
मोदी के इस भाषण के दौरान देशभक्ति का माहौल पूरे एयरबेस में महसूस किया गया। उपस्थित जवानों में ऊर्जा और उत्साह साफ नजर आ रहा था। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ “वंदे मातरम्” और “भारत माता की जय” के नारे लगाए, जो राष्ट्रीय गौरव की भावना को और गहरा करते हैं।
इस भाषण में प्रधानमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया — “हमारे जवानों के शौर्य को चुनौती देना अब किसी के बस की बात नहीं रही।” उन्होंने चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बिना संकेत दिया कि भारत की सीमाएं अब पहले जैसी नहीं हैं, और किसी भी प्रकार की घुसपैठ का करारा जवाब दिया जाएगा।
आदमपुर एयरबेस से पीएम मोदी का यह संदेश न केवल देशवासियों के लिए आश्वासन था, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी यह संकेत था कि भारत अब वैश्विक पटल पर एक मजबूत और निर्णायक भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री का यह भाषण आने वाले समय में देश की रक्षा नीति को एक नया आयाम देगा।
उनका यह भी कहना था कि जब देश आत्मनिर्भर होता है, तभी वह आत्मविश्वास से भरा होता है। और आज भारत उसी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।