प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने संबोधन में पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि जब भारत को आतंक के खिलाफ वैश्विक समर्थन की ज़रूरत थी, पाकिस्तान ने सहयोग देने की बजाय पीठ में छुरा घोंपा। पीएम का यह बयान देश की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय कूटनीति पर एक अहम संकेत माना जा रहा है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने भाषण के दौरान पाकिस्तान पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “जब भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा था और दुनिया से समर्थन की उम्मीद कर रहा था, तब पाकिस्तान ने हमारी मदद करने की बजाय हम पर ही हमला किया।” यह बयान स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि भारत अब आतंकवाद और उसके समर्थकों को लेकर कोई नरमी नहीं बरतेगा।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत वर्षों से आतंकवाद का शिकार रहा है। 26/11 मुंबई हमले से लेकर पुलवामा तक, हमने बार-बार निर्दोष नागरिकों और बहादुर जवानों की कुर्बानियाँ देखी हैं। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अब वक्त आ गया है जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय को तय करना होगा कि वो मानवता के साथ हैं या आतंक के साथ।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि भारत अब “नई नीति और नई रीति” के साथ आतंक का जवाब दे रहा है। उन्होंने उल्लेख किया कि भारत की सेनाएं, खुफिया एजेंसियाँ और सुरक्षा तंत्र अब पूरी तरह सतर्क और मजबूत हैं। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि भारत अब कमजोर नहीं है और आतंकवाद का हर स्तर पर जवाब देने में सक्षम है।
पीएम मोदी के इस बयान से यह साफ संकेत मिला है कि आने वाले दिनों में भारत आतंकवाद के मुद्दे पर और भी आक्रामक रुख अपनाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आतंक को पनाह देने वाले देशों को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग किया जाएगा। भारत लगातार इस दिशा में काम कर रहा है और अब दुनिया भी भारत के साथ खड़ी हो रही है।
भाषण के दौरान उन्होंने कश्मीर में हुए हालिया आतंकी हमलों का भी ज़िक्र किया और शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश के हर नागरिक को उन वीरों पर गर्व है जो आतंक से लड़ते हुए अपनी जान की परवाह नहीं करते।
पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान की तरफ से एक बार फिर सीमा पर उकसावे की कार्रवाई की गई है। एलओसी पर गोलीबारी और ड्रोन की गतिविधियाँ एक बार फिर तेज़ हुई हैं। इसके जवाब में भारतीय सेना भी पूरी तैयारी में है और किसी भी चुनौती का जवाब देने को तैयार है।
जनता में पीएम मोदी के इस सख्त बयान का असर साफ देखा जा सकता है। सोशल मीडिया पर लोग उनके बयान की सराहना कर रहे हैं और एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ खड़े होने का संदेश दे रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भारत की विदेश नीति और सुरक्षा दृष्टिकोण में एक निर्णायक मोड़ का संकेत देता है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण का समापन यह कहते हुए किया, “भारत शांति चाहता है लेकिन अगर किसी ने शांति भंग करने की कोशिश की, तो उसे करारा जवाब मिलेगा। हम राष्ट्र की सुरक्षा के लिए हर कदम उठाएंगे।”