जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए एक आतंकी के घर पर बुलडोजर चलाया। इस कदम को लेकर पड़ोसियों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। जहां कुछ ने सरकार की सख्ती की सराहना की, वहीं कुछ ने सवाल उठाए कि पूरे परिवार को क्यों सज़ा दी जा रही है
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जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियों की सख्त कार्यवाही जारी है। इसी कड़ी में एक जाने-माने आतंकी के घर पर बुलडोजर चला दिया गया, जिससे पूरे इलाके में हलचल मच गई। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह घर गैर-कानूनी निर्माण पर आधारित था और आतंकवाद में शामिल शख्स के खिलाफ यह सख्त संदेश है।
बुलडोजर कार्रवाई के तुरंत बाद, मीडिया ने इलाके में मौजूद लोगों और पड़ोसियों से बातचीत की। कुछ लोगों ने कहा कि आतंक के खिलाफ यह कार्रवाई सही दिशा में कदम है, वहीं कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि क्या परिवार और पड़ोसियों को इस कीमत पर न्याय मिलना चाहिए।
एक पड़ोसी, जो 15 साल से वहां रह रहे हैं, ने कहा, “आतंकियों को सजा मिलनी ही चाहिए। अगर सरकार सख्त नहीं होगी, तो ये लोग देश का माहौल खराब करते रहेंगे।” वहीं एक अन्य स्थानीय निवासी ने कहा, “हम कानून के पक्ष में हैं लेकिन इस तरह पूरे घर को गिरा देना थोड़ा कठोर कदम है, खासकर तब जब बाकी परिवार का कोई कसूर न हो।”
पुलिस और प्रशासन की तरफ से कहा गया है कि यह घर सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बना हुआ था और आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल होता रहा है। इसके अलावा जांच एजेंसियों को घर से कुछ संदिग्ध दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक सबूत भी मिले हैं।
राज्य प्रशासन ने बयान जारी कर कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने वालों पर अब कोई नरमी नहीं बरती जाएगी। सरकार ने आतंकियों की संपत्तियों को चिन्हित कर उन्हें नष्ट करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत कई ऐसे मकान जो आतंक से जुड़े लोगों के हैं, उन्हें गिराने की योजना बनाई गई है।
अधिकारियों का कहना है कि बुलडोजर कार्रवाई केवल अवैध निर्माण या आतंकी नेटवर्क से जुड़े अड्डों तक सीमित रहेगी, ताकि निर्दोष लोगों पर असर न हो। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर किसी को लगता है कि उसके साथ अन्याय हुआ है, तो वह अदालत का दरवाजा खटखटा सकता है।
इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक दलों की भी प्रतिक्रियाएं आई हैं। कुछ ने सरकार की नीतियों का समर्थन किया है, तो कुछ ने इसे तानाशाही करार दिया है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई से राज्य में तनाव और बढ़ सकता है, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे आतंक के खिलाफ मजबूत नीति बताया।
इस पूरे घटनाक्रम से एक बात साफ है कि अब देश की जनता भी आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति चाहती है। लोग चाहते हैं कि देश की सुरक्षा को खतरे में डालने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा न जाए, चाहे वो किसी भी क्षेत्र या पृष्ठभूमि से क्यों न आता हो।