कांग्रेस नेता राहुल गांधी अहमदाबाद दौरे के बाद दिल्ली लौट आए हैं। इस दौरे को 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कड़ी माना जा रहा है। राहुल की वापसी के साथ ही विपक्षी एकजुटता को लेकर नई चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
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नई दिल्ली – कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपने अहमदाबाद दौरे को समाप्त कर दिल्ली लौट आए हैं। यह दौरा राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें राहुल ने गुजरात कांग्रेस के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समाज के विभिन्न वर्गों से मुलाकात की।
उनकी वापसी के साथ ही विपक्षी एकता, लोकसभा चुनाव 2024 की रणनीति, और गुजरात में पार्टी के पुनर्गठन को लेकर नयी हलचल शुरू हो गई है।
राहुल गांधी का यह दौरा पूरी तरह से राजनीतिक पुनरुद्धार पर केंद्रित था। उन्होंने अहमदाबाद में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की, बूथ-स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद किया और नागरिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ विचार-विमर्श भी किया।
“हम संगठन को जमीनी स्तर से मजबूत करने की दिशा में काम कर रहे हैं,” — राहुल गांधी का बयान।
राहुल गांधी का यह दौरा संकेत देता है कि कांग्रेस पार्टी अब गुजरात जैसे भाजपा-गढ़ में भी अपनी उपस्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस वहां बीते कुछ चुनावों में कमजोर हुई है, लेकिन राहुल के इस दौरे को एक नई शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है।
दिल्ली लौटते ही राहुल की विपक्षी दलों से भी मुलाकात की संभावना जताई जा रही है, खासकर INDIA गठबंधन के फॉर्मूले को और मजबूत करने को लेकर।
राहुल गांधी की गुजरात यात्रा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुईं। ट्विटर और फेसबुक पर #RahulInGujarat, #RahulGandhiReturns, #Congress2024 और #GujaratPolitics ट्रेंड कर रहे हैं।
यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने आम जनता से सीधे संवाद किया, जिसमें बेरोजगारी, महंगाई और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दे प्रमुख रहे।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया:
“राहुल गांधी का दौरा कार्यकर्ताओं में नया जोश भरने वाला था। इससे पार्टी के अंदर विश्वास लौटा है।”
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दिल्ली लौटकर राहुल गांधी अब विपक्षी नेताओं से संवाद कर सकते हैं और आगामी रणनीति को अंतिम रूप दे सकते हैं।
यह दौरा कांग्रेस के लिए 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारी का एक महत्वपूर्ण चरण है। गुजरात में पार्टी की स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ राहुल गांधी अब देशभर में नए सिरे से जनसंपर्क यात्रा की योजना बना रहे हैं।
इसके अलावा, राहुल की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दूसरे चरण की भी चर्चा है, जो उत्तर भारत के राज्यों को कवर कर सकती है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी इस बार ज्यादा आक्रामक रणनीति के तहत मैदान में उतर रहे हैं। लगातार जनता से संपर्क और विपक्षी दलों के साथ समीकरण बैठाने की कोशिश उन्हें अधिक सशक्त बना सकती है।
भाजपा शासित राज्य गुजरात में कांग्रेस को फिर से खड़ा करना आसान नहीं होगा, लेकिन राहुल की सक्रियता को एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।