स्वर्ण मंदिर, अमृतसर में हाल ही में हुए अचानक ब्लैकआउट से श्रद्धालुओं और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया। रात के समय बिजली गुल होने से मंदिर परिसर में अंधेरा छा गया, जिससे सुरक्षा और व्यवस्था पर सवाल उठे। प्रशासन ने तुरंत स्थिति को संभालते हुए जांच के आदेश दिए हैं। यह घटना सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हो रही है।
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अमृतसर स्थित विश्व प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर (गोल्डन टेम्पल) में हाल ही में रात के समय अचानक बिजली गुल हो जाने से चारों ओर अफरा-तफरी मच गई। इस ब्लैकआउट की घटना ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा किया बल्कि श्रद्धालुओं की आस्था और अनुभव को भी प्रभावित किया। यह घटना सोमवार रात लगभग 9:45 बजे की है, जब मंदिर परिसर की सारी लाइटें एकाएक बंद हो गईं और पूरा क्षेत्र अंधेरे में डूब गया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर सरोवर तक पूरा इलाका कुछ समय के लिए पूरी तरह से अंधेरे में डूबा रहा। कई श्रद्धालु डर और घबराहट की स्थिति में मंदिर परिसर से बाहर निकलने लगे। हालांकि, मंदिर प्रशासन और स्थानीय पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कुछ ही मिनटों में बैकअप जनरेटर से लाइट की व्यवस्था शुरू कर दी।
स्वर्ण मंदिर के प्रमुख प्रबंधक ने मीडिया को बताया कि यह एक तकनीकी खराबी के कारण हुआ ब्लैकआउट था और बिजली विभाग को तत्काल इसकी जानकारी दी गई। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए पूरी व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।
इस घटना के बाद सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर वीडियो और तस्वीरें वायरल हो गई हैं, जहां लोग मंदिर में हुए अंधेरे और वहां की स्थिति को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कई यूजर्स ने प्रशासन की तत्परता की सराहना की, तो वहीं कुछ लोगों ने सुरक्षा इंतज़ामों की कमी पर नाराज़गी जताई।
पंजाब सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों से रिपोर्ट मांगी है। राज्य के ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि इस घटना की पूरी जांच होगी और यदि किसी की लापरवाही पाई जाती है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्वर्ण मंदिर जैसे उच्च सुरक्षा वाले धार्मिक स्थल पर बिजली आपूर्ति में कोई भी रुकावट सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि बैकअप सिस्टम पूरी तरह से सक्रिय और कार्यशील स्थिति में रहें।
धार्मिक स्थलों पर लगातार बढ़ती भीड़ और श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए अब तकनीकी सुरक्षा उपायों को और भी अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। मंदिर प्रशासन ने भी घोषणा की है कि वे अब अतिरिक्त जनरेटर और स्मार्ट बिजली प्रबंधन प्रणाली को स्थापित करेंगे ताकि ऐसी किसी स्थिति से बेहतर तरीके से निपटा जा सके।
यह घटना न सिर्फ एक तकनीकी खराबी का मामला थी, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाती है कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देना कितना जरूरी है। अमृतसर का स्वर्ण मंदिर न केवल भारत बल्कि दुनिया भर के करोड़ों सिख श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। ऐसे में प्रशासन को हर स्तर पर तत्पर और सजग रहने की आवश्यकता है।